पृष्ठ

शुक्रवार, 31 जुलाई 2009

दूर जाना ना..




प्यार करना तो डरना ना
डरना तो प्यार करना ना

खुबसूरत बन कर तो आना ना
आना तो दिल लिये बिना जाना ना

वादे तो झूठे करना ना तो
करना तो बिना निभाये जाना ना

मेरे दिल से खेल खेलना ना
खेलो तो रुठ कर जाना ना

दिल के करीब तो आना ना
आना तो दूर जाना ना

दूर तुम मुझसे होना ना
होना तो प्यार भुलाना ना


-प्रतिबिम्ब बडथ्वाल
( 1984 मे लिखी कविता आप लोगो के लिये)

2 टिप्‍पणियां:

आपकी टिप्पणी/प्रतिक्रिया एवम प्रोत्साहन का शुक्रिया

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...