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सोमवार, 26 अक्तूबर 2009

क्या करना तुम शादी के बाद.

(बहुत साल पहले कुछ मित्रो को शादी की मुबारकबाद देते हुये कुछ प़क्तिया)

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एक से दो हुये आप, देता हूँ मुबारकबाद
बता रहा हूँ क्या करना तुम शादी के बाद

रात - दिन का नही, जीवन भर का है साथ
इसे निभाना प्रिय मित्रो , तुम शादी के बाद

एक दूसरे को समझना, ना करना तुम शक
इधर उधर झाँकना नही, तुम शादी के बाद

सुख - दुख जीवन का अंग है, इसमे रहना साथ
एक दूसरे का हाथ बटाना, तुम शादी के बाद

एक दूजे की खुशियों का रख्नना तुम ध्यान
हर कदम फूँक - फूँक रखना तुम शादी के बाद

सुन्दर - सुन्दर फूल खिलाना तुम अपने घर आँगन
छोटा परिवार सुखी परिवार, रखना ध्यान
तुम शादी के बाद

- प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल

(1989 मे लिखी हुई - अपने अन्य ब्लाग मे भी प्रेषित की थी)

3 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी सीख देती रचना. बधाई..पुरानी है मगर हमेशा उपयोगी रहेगी.

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  2. पहले सेहरा ऐसे ही लिखा जाता था । अपने कुछ मित्रो के विवाह मे हमने भी लिखे हैं ।

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आपकी टिप्पणी/प्रतिक्रिया एवम प्रोत्साहन का शुक्रिया

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