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शुक्रवार, 11 जून 2010

देखो क्या है बदला.........

देखो क्या है बदला.........




बदला जमाना बदल गई संस्कृति
हर रिश्ता चढ गया इसकी आहुति
हिन्दी खो गई अब जुंबा पर अंग्रेजी है समाई
करे खिलाफत जो उसकी सम्झो शामत आई
हमने भी पीछे - आगे खूब नज़र दौडाई
देखा क्या बदला, फिर अपनी समझ मे आई

मां पिताजी बन गये अब "मोम - डैड"
मित्रो से अब कहते है "हैल्लो "ड्य़ूड "
भैया मोरे बन गये है अपने "ब्रो"
बात करे तो लगता है जैसे करते"थ्रो"
बहना बन गई अब देखो "सिस"
आम हुये चारो ओर अब "किस"

घर जाकर अपनो से मिलते थे तब
अब मिलते  यार-दोस्तो से जाकर "पब"
जमाना बदल गया बदल गई अब सोच
चाय अपनी भूल गई, अब खुलती "स्कोच"
घर को अपना घर बना न पाये लेकिन
भाये हमको अब तो "रिलेशन - लिव इन"

बदल गई है सच मे कितनी  अब  "लाईफ"
"गे" का जमाना है, ढूढने पडेगे अब "हज़्बेंड -वाईफ"
पचता नही किसी को अब घर का "फूड"
कहते है "फास्ट फूड " है अब "वेरी गुड"
भूल गये है हम  एक दुसरे को देख मुस्कराना
"चैटिंग"और"स्माईली" का देखो आया ज़माना

..........................बदला है ज़माना

- प्रतिबिम्ब बडथ्वाल

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