आज पी बी यानि "प्रवचन बाबा" की ओर से आप सभी फेसबुक भक्तो को एक संदेश्!
आज फेसबुक एक चाहत बन गया है, लगता है सभी इसकी पूजा करते है। प्रस्तुत है आप सभी के लिये इसका विधि-विधान,साम्ग्री एवम आरती!
पूजन सामग्री: कम्पयूटर और मोबाईल फोन, अंग्रेजी का थोडा ज्ञान (किसी भी भाषा मे या लिपी में लिखने के लिये), ईमेल आई डी(कोई भी)।
विधि-विधान:
सर्वप्रथम ईमेल आई डी द्वार फेसबुक मे अपना अकाऊंट खोलिये, अपने प्रोफाईल मे अपना चित्र लगाईये व जानकारी भरिये। अपने सभी एड्रेस बुक से साथियो को निवेदन भेजिये। फिर जो मित्र बने उनके मित्रो से अच्छे मित्रो(उनकी प्रोफ्फईल देखकर) को मित्र बनाये।
इस के लिये नहा धोकर बैठने की जरुरत नही। रात-दिन-सुबह या काम के वक्त या चलते फिरते(मोबाईल के द्वारा) कभी भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। सही मानो मे 24X7. सबसे पहले मुखपृ्ष्ठ पर जाये मित्र क्या कर रहे है जंहा लगे वंहा टिप्पणी या पंसद करिये। फिर अपने प्रोफाईल पेज़ पर जाये। देखे किसी ने आप्को किसी नोटस मे या चित्र मे या वीडियो में टैग तो नही किया। अगर किया तो वंहा टिप्पणी देना न भूले।
इसके तत्पश्चात आपके मन मे जो है उसे अपने स्थिति संदेश लिखे। कोई आपका चित्र या कोई वीडियो या नोट्स या चर्चा जिसे आप चाहते है मित्रो तक पहुँचाना चाहते है लिखे। यदि आपकोलगता है कुछ मित्रो को बात पहुँचानी है तो उन्हे टैग करे। फिर अपने बनाये ग्रुप या पेज़ या जिसमे आप शामिल है उस पर जाये और लोगो को पढे या अपनी प्रतिक्रिया दे। अगर कुछ नही तो नया विषय चुने और लिखे जिससे मित्र आपके साथ संबध बनाये रखे इसके द्वारा।
इसका प्रयोग करने से आप और मित्रो के बीच मे समन्व्य बना रहेगा। केवल मै जो लिखू वो लोग पढे, जबाब दे और् जो दूसरे लिखे उस ओर उदासीनता इसमे उचित नही।
मित्रो से समान व्यव्हार इसमे लाभ देता है अधिकतर उन मित्रो से जो अधिकतर साथ नज़र आते है। मित्रो के लिये तीखे शब्दो से बचे जिससे आप किसी को खोने के डर से बचा जा सके(अगर वास्त्व मे इससे किसी के सम्मान को ठेस ना पहुंची है वंहा ठीक है)। अपनी सोच दुसरे पर थोपने की बजाय उसमे मित्रो के सहयोग या प्रतिक्रिया से जायज़ा लेना चाहिये। एक दुसरे की गलतियो को भी प्रेम से बताकर या मेल द्वारा समझाकर उस पर एक राय बनाना उचित है ना कि महफिल में बखेडा कर के। इससे मित्रता में टकराव नही आता। यह ध्यान रहे कि ये सामाजिक नेट वर्किंग साईट है मित्र है शायद आपका व्यव्हार आपको सदा के लिये एक अच्छा मित्र बना दे जिसे आप कल तक जानते भी नही थे। जो मित्र जुड जाते है लेकिन ज्यादा सम्पर्क मे नही है कभी कभी उनके पन्ने पर जाना चाहिये। हो सके तो आप ई मेल नोटिफिकेशन को बना ले जिससे मित्रो की खबर आपको मिलती रहे। फेसबुक के द्वारा बनाई गये अनुप्रयोगो का ही इस्तेमाल करे तो फायदा रहेगा कि अनाव्यशक दिक्कतो से बचा जा सकेगा।
फेसबुक में आपका सफर सुखद रहेगा इसी शुभकामना के साथ आओ भक्त लोग इस आरती मे शामिल हो जाये!
आरती
ऊँ जय फेसबुक महिमा तेरी"
साईट जब ये देखी, समझ मै ना आये मेरी
ज्वाईन किया जब -2, तब समझी महिमा तेरी
क्या गाऊ मै महिमा तेरी -2
ऊँ जय फेसबुक साईट तेरी ,क्या गाऊ मै महिमा तेरी।
जितनी रिक्वेस्ट आई, सबको बनाया अपना।
मित्रो को पहचाना-2, नये दोस्त बने सब कृपा तेरी
क्या गाऊ मै महिमा तेरी -2
ऊँ जय फेसबुक साईट तेरी ,क्या गाऊ मै महिमा तेरी।
मिलना और मिलाना, सब उठाये फाय्दा तेरा
लिखना और पढाना,-2, सब करते जमी पे तेरी
क्या गाऊ मै महिमा तेरी -2
ऊँ जय फेसबुक साईट तेरी ,क्या गाऊ मै महिमा तेरी।
मन की बात को कहने, पन्ने बनाये इसमे बहुतेरे
मित्रो को जोडा इसमे-2, तब मन की प्यास बुझे मेरी
क्या गाऊ मै महिमा तेरी -2
ऊँ जय फेसबुक साईट तेरी ,क्या गाऊ मै महिमा तेरी।
मुखपृष्ठ पर मित्रो की, खबर फीड से मिलती सारी,
बहुत सारी साईट है नेट पर-2 , तु सब पर है भारी
क्या गाऊ मै महिमा तेरी -2
ऊँ जय फेसबुक साईट तेरी ,क्या गाऊ मै महिमा तेरी।
अनुप्रयोगो का सब सेवन करते, इससे खुश मित्र है रहते
टिप्पणी या प्रतिक्रिया -2, का प्रसाद यंहा मिलता सब्को
क्या गाऊ मै महिमा तेरी -2
ऊँ जय फेसबुक साईट तेरी ,क्या गाऊ मै महिमा तेरी।
जो तेरा उपयोग करे फेसबुक, वो हो जाता बस तेरा
घर परिवार काम चाहे छूटे-2, पर दोस्त बहुतेरे पाता
क्या गाऊ मै महिमा तेरी -2
ऊँ जय फेसबुक साईट तेरी ,क्या गाऊ मै महिमा तेरी।
-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल (पीबी), अबु धाबी
wah!!!!! kya baat hai!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंApne to facebook ko bhagwan bna diya
jai ho facebook baba
jai ho ...face book
जवाब देंहटाएं..like a race book
..race
..we cannot press
..our thoughts
..we express
..wrong or right
..black or white
..this is worship
...there is no censorship ....thanks
mast hai
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