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शुक्रवार, 18 जून 2010

तेरी आंखो की नमी






तेरी आंखो की नमी

तेरी आंखो की नमी भिगो देती है मन मेरा
तेरी आंख का हर आंसू बन जाता है दर्द मेरा
टूट जाता हूँ जब सिकन में देखूँ चेहरा तेरा
शाम बैचेन और रात भी खो देती है चैन मेरा
तेरे हर गम से वाकिफ है मन मेरा
तेरा हर गम बन जाता है गम मेरा
तेरे नसीब के पन्ने मे भी है हर्फ मेरा
तेरा नसीब बन गया है अब नसीब मेरा *
तुझसे लफ्ज़ो का नही दोस्ती का रिश्ता है मेरा
खुशी का ही नही तेरे  गम से भी है रिश्ता मेरा
चेहरे मे मेरे दिखे तेरा चेहरा ये अंदाज़ है मेरा
मेरे साथ चल के तो देख मै हूँ हमनवा तेरा
ढूढ्ता हूँ हर सूरत मे चेहरा तेरा
तुझमे ही  सिमटा है जंहान मेरा
तेरे होंठो की मुस्कराहट है सकून मेरा
तेरे बिन कटता नही कोई सफर मेरा
शबनमी शाम मे जुगनु ने दिखाया चेहरा तेरा
कौन जाने आसूं जो निकला वो तेरा था मेरा
तेरी आंखो की नमी भिगो देती है मन मेरा
तेरी आंख का हर आंसू बन जाता है दर्द मेरा*

___________________________________
इस रचना में कुछ मित्रो (शेरो-शायरी के सद्स्य) के भावो को जोडा गया है।   
सभी का शुक्रिया!!

*    प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल
.  राज पंजाबी
.   हरविन्दर सिंह
राज गोईत
विकास कुमार अग्रवाल
.  कृ्ष्णा अग्रवाल                               
.   प्रीती भाटिया
७. अंजलि माथुर

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