पृष्ठ

बुधवार, 21 जुलाई 2010

मुझे जीने का सबब मिल जाता है


यह रचना फेसबुक के साथियो( शेरो शायरी पन्ने के सद्स्यो) ने मिलकर लिखी है  इसलिये उनके नाम भी साथ लिख दिये है।






पलट कर देखता हूँ तो यादो का सैलाब उमड आता है
सांसे जब रुकने लगती है तो याद धडकन बन जाती है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है...प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल

पलट कर देखता हूँ तो फिर ख्वाब पलने संवरने लगता है
तेरे हर सवाल का उत्तर तलाशने लगता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - अंजु सांभी

तेरी यादो को अपने जीवन में पिरोने लगा हूँ
दुनिया से बेखबर हर घडी उनमे डूबा रहता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है  - सरोज नेगी कलसी

तेरी याद आते ही चांद मुझे नई उमंग दे जाता है
रब से क्या पूछूँ, तुझ में ही रब दिखता है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - शैलेष पांडे / आशीष पांडे

यादो का हर लमहा तुझे मेरे सामने ले आता है
हर उस पल मै सौ बार जी उठता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - हिमानी मणि

तेरी यादो से तडपता मै नही, उनमे डूब जाया करता हूँ
इस लंबे सफर में दर्द के आंसू पी लेता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - फ़जल हुसैन

यादो में भी तेरी परछाई से जा टकराता हूँ
तेरे साये को ही हमसफर मान लेता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - बी बेला

दिल दुखता है याद से लेकिन अपने प्यार पर नाज़ आता है
बंद कमरो मे तेरे लफ्ज़ो को सुन लेता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - समिका गौतम

तू मेरी आरजू तू ही मेरी तमन्ना यही कहता आया हूँ
फिर तेरी यादो से दिल बेताब हो जाता है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - विजय वादलकर

मुड कर देखता हूँ तो तेरा साया दूर नज़र आता है
फिर न खो दू तुझे कुछ डर सा लगता है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - विवेक कुमार

हर बीते लम्हे में तेरा अहसास फिर यूँ होने लगता है
बेजान रुह में फिर जान आने लगती है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - *रोहणी नेगी

सावन बैरी बन दिल पर मेरे दस्तक देने लगता है
पलको के दामन से फिर औंस सी गिरने लगती है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - *रोहणी नेगी

हर फूल पत्ती और नील गगन में तेरा साया दिखता है
रेत में भी तेरे पैरो के निशान ढूढता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - ललिता गौंदर 

तेरी याद को फिर धीरे धीरे सांसो में उतरने देता हूँ
तेरी चाहत का शुरुर फिर मुझे जिंदा कर गया
मुझे फिर जीने का सबब मिल जाता है - चाहत अग्रवाल 

बीते लम्हो के बिंब को याद कर फिर मुस्करा उठता हूँ
अच्छा बुरा फिर सब दिखाई देने लगता है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - अनुपमा पाठक

यादो का इस सैलाब में फिर बह जाना चाहता हूं
तेरा चेहरा फिर मेरी आंखो में बस जाता है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - सतीश चन्द्र

सांस थमी दिल धडका, यादो के सैलाब में बहता बिखरता रहा
खुशी मिल जाती है किसी की ख्वाईश पूरी करने मे
मुझे मेरे जीने का सबब मिल जाता है। - अमित वाजपेयी

तू है या नही लेकिन हर तन्हाई मै बस ये ख्याल आता है
तेरा अहसास मै फिर पा जाता हूँ
मुझे जीने का सबब मिल जाता है - सुनिता सिंह

पलट कर देखता हूँ तो यादो का सैलाब उमड आता है
सांसे जब रुकने लगती है तो याद धडकन बन जाती है
मुझे जीने का सबब मिल जाता है...प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल

सभी साथियो का शुक्रिया इसमे साथ देने के लिये!!!!!

8 टिप्‍पणियां:

  1. प्रति भैय्या मेरी भी कुछ लाईनें देखिये..

    बंद पलकों भीतर समाया है स्मृति समंदर..
    अतीत के वे अनछुए पन्ने बन जिल्द पड़े हैं..
    हर रोज़ समेत लाता है इक लम्हा ऐसा भी.
    कर देता है जो साकार अनबनी बूंदों को भी..
    ...Jogendra singh...

    जवाब देंहटाएं
  2. बीते हुए लम्हों को याद करके मंजिल को मैंने है पाया
    चलते हुए राह पे दुनिया के तानों ने मुझको जगाया
    वो बीता हुआ कल हर पल मुझे सताता है
    मुझे जीने का सबब मिल जाता है "राठी"

    जवाब देंहटाएं
  3. jab kabhi gam ke baadal chhate hain aur tanhai mein hum rote hai......
    unn palon ko yaad hum karte hain jab saath hua karte thhe....
    mujhe jeene ka sabab mil jaata hai.......
    ~Meena~

    जवाब देंहटाएं
  4. @शुक्रिया मीना जी आपने भी जोड दिया इसमे..उम्दा
    @शुक्रिया सानु जी, जोगी जी , विजय जी, राठी जी, अंजु जी,मीना जी एवम सेहर जी....तहे दिल से

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी/प्रतिक्रिया एवम प्रोत्साहन का शुक्रिया

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...