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मंगलवार, 24 अगस्त 2010

पागल कहती है ये दुनिया


पागल कहती है ये दुनिया
बूझे ना कोई मेरी बतिया
काटे नही कटती ये रतियाँ
बस जमाना बढाये दूरियाँ

पागल कहती है मुझे ये दुनिया

दिल मे बसे मेरे कुछ सपने
चाहू बस कुछ दिल से अपने
रट लगाये तो लोग लगे कहने
पागल है ये और इसके सपने

पागल कहते है मुझे मेरे अपने 

टूट कर चाहना भी पागलपन मेरा
इसमे लुट जाना भी पागलपन मेरा
भरोसा किया, था पागलपन मेरा
अहसास जताया,था पागलपन मेरा

ले डूबा मुझे ये पागलपन मेरा

दोस्त समझा, था पागलपन मेरा
अपना समझा, था पागलपन मेरा
समझाना अपनो को, था पागलपन मेरा
जगाना सबको चाहा, था पागलपन मेरा

आप को अपना बनाया, था पागलपन मेरा

आज मेरा सीधापन बन गया मेरा पागलपन
आज मेरा स्नेह बन गया मेरा पागलपन
आज मेरा कुछ कहना बन गया मेरा पागलपन
आज मेरा अनुभव बन गया मेरा पागलपन

फिर भी सबसे अलग है मेरा पागलपन


- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, अबु धाबी, यूएई




5 टिप्‍पणियां:

  1. yadee yahee aapka pagalpan hai to bahut umda hai...banayen rakhen !

    bhavpoorn abhivyakti !

    जवाब देंहटाएं
  2. आज मेरा सीधापन बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा स्नेह बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा कुछ कहना बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा अनुभव बन गया मेरा पागलपन
    ....Koi kuch bhi bole apna kaam karte rahana chahiye..
    bahut achhi prastuti

    जवाब देंहटाएं
  3. आज मेरा सीधापन बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा स्नेह बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा कुछ कहना बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा अनुभव बन गया मेरा पागलपन...........

    बहुत सुंदर गुरुवर
    लगता है ऐ पागलपंन
    बस इस मे ही मेरा मन
    खोजों में तन बन बन
    बस मील इसमे ही सकूँन
    ऐ है मेरा पागलपंन
    बहुत सुंदर गुरुवर
    लगता है ऐ पागलपंन

    जवाब देंहटाएं
  4. आज मेरा सीधापन बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा स्नेह बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा कुछ कहना बन गया मेरा पागलपन
    आज मेरा अनुभव बन गया मेरा पागलपन...........

    बहुत सुंदर गुरुवर
    लगता है ऐ पागलपंन
    बस इस मे ही मेरा मन
    खोजों में तन बन बन
    बस मील इसमे ही सकूँन
    ऐ है मेरा पागलपंन
    बहुत सुंदर गुरुवर
    लगता है ऐ पागलपंन

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