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रविवार, 17 अक्तूबर 2010

दशहरे पर सभी को बधाई!!


सत्य की झूठ पर जीत का जश्न मनाओ
अच्छाई की बुराई पर जीत का जश्न मनाओ

आओ मित्रों अपने अंदर के राम को जगाये
आओं मित्रों अपने अंदर के रावन को जलाये

राम भी हम रावण भी हम फिर संशय कैसा
छोड़ झूठ और बुराई, करे व्यव्हार इंसानों जैसा

प्रभु का ध्यान कर महिमा उसकी हम पहचाने
मार्ग अंहिसा का अपनाये,धर्म हम अपना पहचाने

विजय निश्चित है अगर हम आज ये प्रण करे
एक दूजे में प्रभु को ढूढे और मानवता से प्रेम करे

[मित्रों आप को, परिवार को, सगे संबधियों को एवं आपके मित्रों को विजय दशमी की शुभकामनाये]
– प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल



7 टिप्‍पणियां:

  1. विजयादशमी पर सभी को हार्दिक शुभकामनाये

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  2. विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं आप व आपके परिवारजनों को प्रति जी...

    राम भी हम रावण भी हम फिर संशय कैसा
    छोड़ झूठ और बुराई, करे व्यव्हार इंसानों जैसा...
    बिलकुल सही कहा है .

    जवाब देंहटाएं
  3. शुक्रिया समीर जी एवम रेनु जी शुभकामनाओ के लिये। आप सभी को परिवार को भी हमारी शुभकामनाये!

    जवाब देंहटाएं
  4. हरि जी शुक्रिया आप को परिवार को भी हमारी शुभकामनाये!

    जवाब देंहटाएं
  5. सभी कों विजयदशमी की बहुत बहुत शुभकामनाये.....

    जवाब देंहटाएं
  6. अधर्म पर धर्म की जीत;
    अन्याय पर न्याय की विजय;
    बुराई पर अच्छाई की जय जयकार;
    यही है दशहरे का त्योंहार।
    दशहरे की शुभकामनाएं!

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