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बुधवार, 15 सितंबर 2010

जिंदगी दो पल की....



जिंदगी दो पल की....
दो पलो "जिंदगी और मौत"
के बीच का सफर लंबा होता है
या फिर छोटा होता है
जो हमें तय करना है

इन दो पलो को......
आकार हम देते है
भावनाये हम भरते है
प्रेम हम जताते है
घृणा हम फैलाते है
दुश्मनी हम करते है


इन दो पलो में....
जीवन हम बनाते - संवारते है
अपने हम बनाते - बिगाडते है
रिश्ते हम बनाते - तोड़ते है
मै और स्वार्थ का रिश्ता जोडते है

आओ इन दो पलो मे.....
जिंदगी अगर आईना है
तो आओ इन दो पलो मे
अपनी सूरत संवार ले

प्यार अगर जिंदगी है
तो आओ इन दो पलो मे
प्यार का रंग भर दे

जिंदगी अगर खेल है
तो आओ इन दो पलो मे
इंसानियत का खेल खेले

जिंदगी अगर एक न्यौता है
तो आओ इन दो पलो मे
हर न्यौता सहर्ष स्वीकार करे

जिंदगी अगर एक ताकत है
तो आओ इन दो पलो मे
अपनी एकता का प्रमाण दे

जिंदगी अगर एक सोच है
तो आओ इन दो पलो मे
अपनी सोच को नया आयाम दे

जिंदगी अगर एक  पूजा है
तो आओ इन दो पलो में
श्रद्धापूर्वक अर्चना करे

जिंदगी अगर  एक  विश्वास है
तो आओ इन दो पलो मे
आत्मविश्वास को जागृत करे

जिंदगी अगर एक कार्य है
तो आओ इन दो पलो में
ईमानदारी से कार्यो को अंजाम दे

जिंदगी अगर एक यज्ञ है
तो आओ इन दो पलो में
घृणा और स्वार्थ की आहुति दे

मुस्कराना अगर जिंदगी है
तो आओ इन दो पलो में
जिंदगी भर ले दोस्तो

- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल , आबु धाबी, यूएई
               १५.०९.२०१० बुधवार  



रविवार, 12 सितंबर 2010

आओ करके देखे


सावन क्या होता है पुरवाई बताती है
सुबह क्या होती है किरणे बताती है
प्यार क्या होता है बेवफाई बताती है
आज़ादी क्या होती है गुलामी बताती है

खुशी क्या होती है गम बतलाता है
रात क्या होती है अंधियारा बतलाता है
जीत क्या होती है हारने वाला बतलाता है
कौन सो रहा है जागने वाला बतलाता है

मुस्कराहट क्या होती है मुस्करा कर देखिये
प्यार क्या होता है प्यार निभा कर देखिये
अपना क्या होता है अपना कर देखिये
भूख क्या होती है भूखा रह कर देखिये

घौंसला क्या होता है चिडिया से पूछिये
देश क्या होता है शहीदो से पूछिये
पानी क्या होता है प्यासे से पूछिये
आंखे क्या होती है अंधे से पूछिये

आज कुछ पूछे नही करके देखिये
आज ज्यादा सोचे नही कर्म करके देखे
आज झूठ नही सच बोल कर देखे
आज किसी से हे नही खुद करके देखे

प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, आबू धाबी, यूएई
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