मित्र बनाओ अभियान
बढाओ जान पहचान
बहुत है यंहा कद्रदान
सारे मित्र मेरे महान
महके मेरा खलिहान
जिंदाबाद हिन्दुस्तान
मुझे तुम लगते हो प्यारे
सपने जैसे सच हुये हमारे
हम है अब तुम्हारे सहारे
चलो साथ देखे अब बहारे
दोस्ती है बीच अब हमारे
चलो अब ये रिश्ता संवारे
एक हाथ मे उसका हाथ
दूजे हाथ में है दूजा हाथ
मन में भाये तीसरा हाथ
थामे अब चौथे का हाथ
येसे है मेरे कितने हाथ
छोड चले जो अब साथ
भरते है दोस्ती का दम
नही किसी से हम कम
वक्त पर छोड देते दामन
जैसे पडा हो कोई सामान
येसा है दोस्ती का आलम
सबको "प्रतिबिम्ब"का सलाम
-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल , अबु धाबी