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गुरुवार, 25 अगस्त 2011

हर बार ..... इस बार





हर बार
वादे पर वादे करते हो
फिर वादो से मुकरते हो
वक्त वक्त पर तुमने
जनता को ही
निशाना बनाया है

हर बार
वोट पर वोट मांगते हो
फिर हम पर 
चोट पर चोट करते हो
तेरे ऐलान पर
करें भरोसा किस दिल से
इस दिल मे घाव गहरे है

हर बार
अपनी ही सुनाते हो
संसद पहुंचाने की
तुम भीख मांगते हो
सांसद बनने पर
कब हमारी सुनते हो

इस बार
हमारी सुन लो
भ्रष्टाचार से हम त्रस्त है
आप अहम से ग्रस्त हैं
सशक्त लोकपाल लेकर आओ
वरना संसद से बाहर जाओ

इस बार
संसद की मर्यादा का सवाल नही
जनता की मांग यूं ठुकराओ नही
अपने दामन को झुठलाओ नही
नाजुक वक्त से तुम मुँह मोड़ो नही
देखो जनता तुमसे क्या चाहती है

इस बार
तिरंगा हाथो मे ले
देखो जनता आती है
अपना संदेश सुनाती है
जनता अलख जगाती है
जागो वरना जनता आती है

इस बार
अहिंसा हमारा नारा है
यही अन्ना का इशारा है
धैर्य जनता ना खो जाएँ कहीं 
इसलिए कदम बढ़ाओ सही
जागो वरना जनता आती है

- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 

2 टिप्‍पणियां:

  1. Desh ke vartmaan halaat par ek behtareen sashakt sandesh... Netaon aur Janta- dono ko... Bahut badiya Prati ji....

    जवाब देंहटाएं
  2. Members salary and perquisites bill passed without any debate within shortest span of time.
    They use legislation, consitution and democracy for their own selfish purpose.
    The main problem is that members are not behaving as they are expected to be.
    It appears they doesn't care about Anna Hazare's fast & objective to cleanse the corrupt system.

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी/प्रतिक्रिया एवम प्रोत्साहन का शुक्रिया

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