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गुरुवार, 15 दिसंबर 2011

जीवन में.....




जीवन में.....

सपने असज्जित, अयाचित
कहना अनरीत
सलाह अनुचित
परिणाम अपरीक्षित, अस्तमित
जीवन अभ्यसित
संस्कार अनूदित
अपयश अर्जित, अनुगृहीत
प्रश्न अनुतापित
मन अध्यासित,
चाह अस्वीकृत, अमनोनीत
सोच अनारक्षित
भविष्य असुरक्षित
कर्म अपाश्रित, अपमानित
सत्य अनुपस्थित
झूठ अप्रमाणित
दुख अनिवारित, अन्वित
सुख अनुस्वादित
मंजिल असंभावित,
राह अपुष्पित, अवरोधित
दुश्मन अशिक्षित
मंजिल अभीप्सित
मित्र अनगिनत, अलक्षित
     

       फिर भी .....
       भूला अतीत
विचार अभिनंदित
स्नेह अंकित
मैं अनुशासित
सपने अगनित
चला अचिंतित
हौसला अतुलित
........................... और मैं समर्पित

मेरी इस रचना का अंत अनंत है...........

-      प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल

2 टिप्‍पणियां:

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