आओ आज़ादी का जश्न यूं मनाये
आओ आज़ादी का जश्न यूं मनाये
स्वार्थ को स्वयं से दूर हम हटाये
बुराई को समाज से हम दूर भगाये
संस्कृति अपनी विश्व मे हम फैलाये
देश द्रोहियों को सबक हम सिखाये
आओ देश हित मे हम एक हो जाये
शहीदो को याद कर शीश नवायें
हालात मांगे तो हम शीश चढ़ाये
कर्तव्यनिष्ठ होकर देश को उन्नत कराये
सच्चे नागरिक बन अपना फर्ज़ निभाये
वक्त आया, इसके साथ कदम बढ़ाये
अपने भारत को बुरी नज़र से बचाये
जन जन मे 'प्रतिबिंब' ये संदेश जगाये
येसा देश प्रेम का गीत हम गुनगुनाये
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल