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गुरुवार, 22 सितंबर 2011

नई गरीबी रेखा .......



नई गरीबी रेखा .......


गरीब अमीर का खेल है आकर देखे हम करीब
सत्ताधारी कहते हैं,अब न बचा कोई यहाँ गरीब
बड़ी योजनायेँ चली तब जाकर गरीब हुआ अमीर
गरीबी खतम हो जाएगी,जब बचेगा न कोई गरीब

देखा रहा खुली आँखो से मेरे भारत का विकास
पर ग़रीबों का तो हर मोड़ पर उड़ा रहे है उपहास
गावों मे तो बने अमीर जिसे मिले रुपये छब्बीस
शहर का अमीर भूखा नही जो मिले रुपये बत्तीस

मेरा भारत महान देखो मित्रो कितना हुआ है विकास
अमीरी गरीबी की रेखा देखो लिख रही नया इतिहास
मेरे शहर मे रोटी,कपड़ा और मकान की औसत रुपये बत्तीस
मेरे गावों में जीने की भी हो गई, अब औसत रुपये छब्बीस

और अंत मे  ....

सुंदर है वो जिसके मुँह है दाँत बत्तीस
अमीर है जिसकी जेब मे रुपये बत्तीस
गरीब की किसी को न दिखती आँत 'प्रतिबिम्ब'
गरीब के पास तो दाँत भी न बचे अब बत्तीस

-                            - प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
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