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शनिवार, 17 मार्च 2012

एक नज़र आयें.....




माना की
तुम्हारा कद
मुझसे ऊंचा है
प्यार में
ज्ञान में
अनुभव में
विचारो में
सोच में
उम्र में

पर शायद
तुम भूल गए
ईश्वर ने ही
हमें जीवन दिया
तुम्हारा व्यक्तित्व
अलग जरूर है
पर हमारा
दाता एक है
रगो में बहता खून
भी एक है
फिर क्यों दूर
मुझसे रहते हो
फिर क्यों अलग
होने का दिखावा करते हो
जान कर भी
अंजान बनते रहते हो

चलो आज से
हम एक नज़र आयें
एक ही डाल के
फूल बन महक जायेँ

- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल

सोमवार, 12 मार्च 2012

सत्य



अर्ध सत्य है जीवन,
पूर्ण सत्य है मरण।
सत्य की खोज में,
जीवन गुजर जाता है।
हर पल का संघर्ष,
और मिलती है तो मौत।
आत्मा अजर अमर है,
लेकिन मृत्यु का है खौफ।
योग, ज्ञान और ध्यान से,
शांति की मिले अनुभूति।
दया, धर्म और कर्म से,
होता सत्य का मार्ग प्रसस्त।
सत्य के आचरण से
शुद्ध होती है अपनी आत्मा।
प्राण तो अमृत स्वरूप है और
आत्मा सत्य से आच्छादित है।
झूठ का कोई आकार नही
सत्य तो साक्षात है साकार है।
मन के चिंतन से ही,
मिलता है आत्मा को प्रकाश।
देह से आत्मा निकले जब,
मिले परमात्मा से आत्मा तब।
                                                                     प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल  
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