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गुरुवार, 28 जून 2012

ॐ साईं



ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ॐ साईं 
तेरी महिमा सबने हर रूप में गाई ॐ साईं
तेरी भक्ति मे सबने खुशी अपनी पाई ॐ साईं
जो बन पड़ता तुझसे देता तू सबको ॐ साईं 
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ॐ साईं

कोई गाता तेरी आरती  ॐ साईं 
कोई तुझ पर पुष्प चढ़ाये ॐ साईं 
कोई धन का दान करता ॐ साईं 
मैं तुझे बस मन मे रखता ॐ साईं  
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ॐ साईं

हर पल तू सबको राह दिखाता ॐ साईं
किसी भी रूप मे दर्शन दे जाता ॐ साईं
हर पंथ का बंदा है तेरा अनुयायी ॐ साईं 
सबके मन की आवाज तू सुन लेता ॐ साईं
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ॐ साईं

कहने को शिरडी मे है निवास तेरा ॐ साईं 
बसता है तू सब भक्तों के दिल मे ॐ साईं 
हर भक्त से अनूठा है रिश्ता तेरा ॐ साईं  
पर सबसे अलग है नाता मेरा तेरा ॐ साईं
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ॐ साईं

---- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल ----

सोमवार, 25 जून 2012

लम्हा - लम्हा आओ फिर से जी जाएँ




कौन - कौन है अपना यंहा, किस - किस ने दिया साथ
कंहा - कंहा अपना ठिकाना, किस - किस ने थामा हाथ

चुन - चुन कर दोस्त बनाते, बुन - बुन कर रिश्ते संवारते
कण - कण प्रेम का हम सजाते, जन - जन को अपना कहते

आज - कल का भेद ना जाने, कल - परसो के लिये आज बिगाड़े
धर्म - अधर्म का पाठ रोज़ पढते, पल - पल धर्म से हम नाता तोड़े

इधर - उधर की बातों मे कान लगा, जन - मानस की करते बात
सुध - बुध खो बिखर रहे, क्षण - क्षण दुश्मनी की बैठ रही बिसात

तेरा - मेरा बना अब रिश्ता,  उलट - पुलट हुआ देखो सब विधान
अपने - पराये का बस छेडते राग, करते - करते छोड जाते निशान

तन - मन में आओ प्रेम जगाये, घर - घर में देश प्रेम की जोत जलाएँ
जन - जन को अपना हम बनाएँ, लम्हा - लम्हा आओ फिर से जी जाएँ

प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
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