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गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

विमोचन



शब्द एक साथ
जुड़ने लगे
भावो की माला
गुथने लगी

कोई कवि बन
उभरने लगा
कोई लेखक बन
बिकने लगा

सृजनता का पैमाना
बदलने लगा
प्रकाशक का व्यापार
चलने लगा

किताबो का मेला
शुरू हुआ
नए आवरण का
श्रीगणेश हुआ

शायद साहित्य अब
समृद्ध होगा
हर लेखक का
सम्मान होगा

- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल

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