एक भीड़
बिखरी सी आस पास
तेरा मिलना
बना गया लम्हें खास
वक्त चला
तेरा साथ मिलता गया
इश्क का
हर लम्हा जीता गया
मेरी मोहब्बत
वक्त का सवाल था
तेरी मोहब्बत
वक्त का जबाब था
कुछ पल
हमें बैचेन करने लगे
कुछ एहसास
तन मन बसने लगे
नया दौर
अपना सपना टूटने लगा
हर पल
इंतजार में गुजरने लगा
वक्त बदला
साथ फिर छूटने लगा
आज फिर
भीड़ में खो गया
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