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मंगलवार, 28 जुलाई 2015

कलाम को सलाम




डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम
शायद  कोई भारतीय हो जो न जानता हो ये नाम
प्रसिद्ध वैज्ञानिक व अभियंता से प्रख्यात है ये नाम
गैर राजनीतिक राष्ट्रपति के रूप में प्रसिद्ध है ये नाम

चमत्कारी प्रतिभा से भारत के प्रथम नागरिक बने थे
अविवाहित रह, समाजिक कार्यो से सदा जुड़े रहते थे
आदर्श व्यक्तित्व, जीवित प्रणेता की वे एक सत्यकथा थे
अपनी प्रतिभा से देश के वे वैज्ञानिक सलाहकार बने थे

१५ अक्टूबर १९३१  रामेश्वरम तमिलनाडू में जन्मे थे
परवरिश कैसी होगी जहाँ पांच बहने और पांच भाई थे
नाविक पिता की छोटी संतान,सयुंक्त परिवार में रहते थे
खुशियों मुश्किलों, प्रसनता वेदना से वे रोज ही मिलते थे 

रामेश्वर की सडको पर दौड़कर अख़बार बेचा करते थे
विद्यार्थी जीवन में इस तरह वे धनार्जन किया करते थे
योग्य अध्यापको की विशेष कृपा से वे आगे बढ़ते जाते थे
हस्तलिपि सुधार में मुत्थु अय्यर ही कलाम के बने गुरु थे 

'एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में गुरु अय्यर उनके मार्गदर्शक थे
 इंजीनियर, तकनीकी कर्मी ही उनके लक्ष्य में शामिल थे
अपनी क़ाबलियत से वे इसरो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने थे
अग्नि पृथ्वी मिसाइल के जनक, मिसाइल मैंन कहलाये थे

सुरक्षा सलाहकार बन सुरक्षा शोध विकास में भूमिका निभाई थी
पोखरण में नुक्लियर परिक्षण कर देश की अलग पहचान बनाई थी
साधारण इन्सान लेकिन प्रेरणा बन युवाओ में एक आस जगाई थी 
भारत रत्न कलाम ने देश के सर्वोच्च नागरिक की भूमिका निभाई थी

नाम याद रहेगा डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम
कृतज्ञ राष्ट्र का हर नागरिक, करता है तुम्हे आज बारम्बार सलाम
तन – मन  से देश की सोच रखने वाले, मरते नही कभी ऐसे कलाम
विंग्स आफ फायर बन, विजन २०२०  रख, युवा करते तुम्हे सलाम


-प्रतिबिम्ब  बड़थ्वाल 
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