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मंगलवार, 10 नवंबर 2015

मोदी तुझे सलाम [ पैरोडी गीत ]





यहाँ वहां सारा जहाँ खोज लिया
मोदी जी तेरे जैसा कोई नहीं
ऐसे ही नही तुझे दुनिया
प्यार करती है
नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नही

देखा पढ़ा जहाँ भी, बस तेरा नाम है
जो मेरे साथ देश को सम्मान दिलाती
सबसे प्यारा तेरा रुतबा
नाम है बस तेरा, नाम ही
मोदी तुझे सलाम मोदी तुझे सलाम
हाँ मोदी तुझे सलाम, मोदी तुझे सलाम

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

जब से तू राजनीति में आया
भारत ने विकास शब्द को पाया
सबका साथ सबका विकास अपनाया
अब तुझ पर ही आस हमारी
तुझे भगवान् सलामत रखे
भारत फिर से विश्व गुरु बने
तेरा नाम, भारत का मान बना रहे

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

दुनिया तेरे पास आ रही
अपनी बाहें खोल दे
सबको अपना बना ले
लोगो का विरोध चलता रहेगा
बस तू अपना काम कर
तुझसे ही सबकी उम्मीदे, मेरी भी आस है
तू भारत का भाग्य विधाता है
तू ही किरण, तू गर्व, मोदी

मोदी तुझे सलाम मोदी तुझे सलाम
हाँ मोदी तुझे सलाम, मोदी तुझे सलाम

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

सोमवार, 9 नवंबर 2015

बिहार चुनाव नतीजे पर - पैरोडी गीत




देख तेरे बिहार की हालत क्या हो गई भगवांन
विकास छोड़ जात पात से ऊपर न उठ सका इंसान

गरीबी बेरोजगारी से बिहार का नाता
अब कैसे होगा उत्थान
जात पात से ऊपर न उठ सका इंसान

नौकरी चाकरी न अब इनको प्यारी
दिल दिमाग में आरक्षण भारी
भोली भाली जनता सारी
नितीश लालू का जंगलराज, सन्मति का दे वरदान

जात पात से ऊपर न उठ सका इंसान
देख तेरे बिहार की हालत क्या हो गई भगवांन
विकास छोड़ जात पात से ऊपर न उठ सका इंसान

अपना घर छोड़ अन्य राज्य में बसते
शिक्षा के लिए घर से दूर है जाते
हे भगवान्
अब भारत में कुछ बदलो इंसान
मातृभूमि का जो करे सम्मान
पेट में अन्न नही बीफ पर मचा देखो घमसान
सन्मति दे भगवान्

जात पात से ऊपर न उठ सका इंसान
देख तेरे बिहार की हालत क्या हो गई भगवांन
विकास छोड़ जात पात से ऊपर न उठ सका इंसान

अपहरण, फिरौती वाले है जीते
सबका साथ सबका विकास वाले हारे
चारा खा कर अब तक पेट न भरा
कर लो बिहार वाले हर जख्म हरा
जनता को बेवकूफ बनाने का तैयार हुआ प्लान

जात पात से ऊपर न उठ सका इंसान
देख तेरे बिहार की हालत क्या हो गई भगवांन
विकास छोड़ जात पात से ऊपर न उठ सका इंसान

- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
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