हाँ ! देखो बदल गया फिर से वो साल
खट्टा मीठा था जो गुजर गया वो साल
सीख लिया जाते वक्त से करके सवाल
उत्तर मिला हमें तो है जीना हर हाल
जिस बदलाव की आस लिए बीता साल
उस बदलाव की उम्मीद जगी इस साल
चले जिस राह, उस राह से पूछे सवाल
उत्तर मिला चलते रहो चलना हर हाल
कभी दोस्त कभी दुश्मन बन बीता साल
अपनों की हकीकत नज़र आई उस साल
अपने आप से, अपनों का जब पूछा सवाल
उत्तर मिला अपनो से तुम बचना हर हाल
थे एहसास जिंदा जो, बिछड़ते रहे उस साल
उम्मीद टूटी कभी जुडी, कई बार उस साल
बीते वर्ष उलझन मन में, उठे बहुत सवाल
उत्तर में, बदल ली राह हमने भी इस साल
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प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
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