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बुधवार, 10 फ़रवरी 2016

मेरी याद...




कल बीत चूका 
आज मेरा नही है
आने वाला कल 
मेरा होगा शायद

यकीन नही न
आओ बतलाता हूँ
कुछ हकीकत
और रीत दुनियां की
बतलाता हूँ
आज शब्द मेरे
बेसक लडखडाये है
मगर भाव
अंतरमन से उपजे है

कल बीत चूका
अच्छे बुरे के साथ
अपनों के
साथ साथ
गुस्सा प्यार
करते करते बीत गया

आज मेरा नही
मेरा आज बस
बीते कल में उलझा है
साथ न कोई खड़ा है
बस कल के लिए
लड़ रहा हूँ खुद से
और अपनों से भी
खुद ही अपराधी हूँ
यह जानते हुए भी
समय और किस्मत को
दोष दे रहा हूँ
मेरा आज
सच में मेरा नही है
झूठ होगा अगर
इसे अपना कहूँगा

कल मेरा होगा
यकीनन.....
जब मेरे जाने के बाद
सब याद करेंगे
दो आंसू
चंद फूल
चंद शब्द
श्रद्धा सुमन
अर्पित करते हुए
अच्छा मुझे बतलायेंगे
कुछ मिलन को याद करेंगे
सब अपना कहते जायेंगे
अपने ही इस खबर पर
सत्यता की मोहर

और यहाँ भी
पसंद का चटका
आते जाते लोग या
अपने ही लगाते रहेंगे
फिर यकीन मानो
दो दिन की याद
बहुत ज्यादा होगी
फिर किसके पास
वक्त होगा
यू याद करने के लिए
जीवन चलता है
किसी के लिए
न रुका है
न रुकता है

-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
१०/२/२०१६

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