नवरात्र उत्सव आया, उत्साह उमंग घर – घर
हो रही घट स्थापना, बुलावा है माँ घर - घर
आस्था, भक्ति और विश्वास की लहर घर – घर
तेरे लिए ही माँ, अखण्ड जोत जली घर – घर
नव रूप सुसज्जित, तेरी महिमा का होता खूब विचार
शुभाशीष पाने माँ, घर - घर होती तेरी जय जयकार
नौ दिन हैं ये शुभ दिन, तेरी महिमा है अपरंपार
भव्यता तेरी विशाल, शक्ति का तू है तो अवतार
इस भवसागर में कृपा तेरी, बन जाती है पतवार
हे सुखदात्री, हे कष्टहारिणी, नमन तुम्हें बारंबार
नव रूप सुसज्जित, तेरी महिमा का होता खूब विचार
शुभाशीष पाने माँ, घर - घर होती तेरी जय जयकार
शैलपुत्री हिमराज सुता, ब्रह्मचारिणी दु:खहारिणी
चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता तुम ही जगतारिणी
कात्यायनी, कालरात्रि, तुम धैर्यदात्री, दैत्यसंहारिणी
महागौरी कुंदन सुमन, सिद्धिदात्री तुम पालनकारिणी
नव रूप सुसज्जित, तेरी महिमा का होता खूब विचार
शुभाशीष पाने माँ, घर - घर होती तेरी जय जयकार
तेरी कृपा से सलिल, सरिस, पावन जीवन पायें
मन के कलुष, क्लेश, कुत्सित सोच दूर भगायें
विश्वास, आस्था, कामना संग, तुझ से जुड़ जायें
सुखी तन, मन, धन का, तेरा आशीर्वाद हम पायें
नव रूप सुसज्जित, तेरी महिमा का होता खूब विचार
शुभाशीष पाने माँ, घर - घर होती तेरी जय जयकार
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल - २२ मार्च, २०२३
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