tag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post2261627551922030768..comments2023-08-19T16:04:07.654+05:30Comments on मेरा चिंतन - चिंतन मेरे मन का: मैंUnknownnoreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-60306845422476347822011-07-05T11:32:49.689+05:302011-07-05T11:32:49.689+05:30▬● प्रति भईया , अस्तित्व तलाशना इतना आसान कहाँ.......▬● प्रति भईया , अस्तित्व तलाशना इतना आसान कहाँ....... एक वहि तो है जो परतों में छुपा होता है........<br /><br />(my business site ☞ Su-j Helth ☞ http://web-acu.com/ )Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/15060979684457730427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-43598258000317896672010-11-15T14:35:32.010+05:302010-11-15T14:35:32.010+05:30अति सुंदर भाई जीअति सुंदर भाई जीहरि जोशीhttp://irdgird.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-80535475715111710042010-11-13T18:15:05.460+05:302010-11-13T18:15:05.460+05:30जिंदगी के आप धापी को दर्शाती एक बेहद मर्मस्पर्शी क...जिंदगी के आप धापी को दर्शाती एक बेहद मर्मस्पर्शी कविता <br />शायद अपने अस्तित्व को जगाने का समय आ गया है ..जय होbabanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-22476887952166559372010-11-10T16:08:06.990+05:302010-11-10T16:08:06.990+05:30सही कहा प्रति जी ..यहाँ कौन किसी का है.. अपना मानन...सही कहा प्रति जी ..यहाँ कौन किसी का है.. अपना मानना भी एक भ्रम जाल है.. सब माया जाल है और हम अंतरजाल में फंसे कीड़े है..जहाँ राही है पर रास्ता नही<br />दोस्त है पर दोस्ती नही<br />भीड है पर लोग नही<br />फूल है पर महक नही<br />तारे है पर आसमा नही<br />तीर है पर कमान नही<br /><br /> .. कविता ने सही आइना दिखाया है..सुन्दर कविता .. धन्यवादडॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.com