tag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post4036075732171086766..comments2023-08-19T16:04:07.654+05:30Comments on मेरा चिंतन - चिंतन मेरे मन का: हाँ मैं वही गांव हूँUnknownnoreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-8584596718379895252011-06-09T18:30:04.743+05:302011-06-09T18:30:04.743+05:30bahutkhubbahutkhubPRAVESHhttps://www.blogger.com/profile/17596118732363444731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-87521292357120778182010-10-15T09:17:55.150+05:302010-10-15T09:17:55.150+05:30हाँ गावं तो वही है ....पर उसकी भी तासीर बदल रही हो...हाँ गावं तो वही है ....पर उसकी भी तासीर बदल रही होगी ?<br />........आखिर समाज भी तो बदला हुआ होगा ?प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-86994492310996640152010-10-14T07:17:47.314+05:302010-10-14T07:17:47.314+05:30हाँ मैं अब भी वही गाँव हूँ
जिसका हर शख्स
अब बूढा ह...हाँ मैं अब भी वही गाँव हूँ<br />जिसका हर शख्स<br />अब बूढा हो चला है या विदा<br />जिसकी नई पीढी<br />अब केवल मौन है इसके लिये<br />जिसका वर्तमान<br />केवल अतीत बन कर रह गया है<br />या फिर वक्त के साथ<br />लुप्त हो रहा है शहर की चका चौंध में<br /> वाह प्रति जी ..गाँव की व्यथा का वर्णन कोई आपसे पूछे..<br />बेहतरीन रचना...दिल को छूती है आपकी रंच्नाएं ... आप सच में एक सच्चे हिन्दुस्तानी हैं. सादर.Renu Mehrahttps://www.blogger.com/profile/14770537849711259946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-39897536427047690712010-10-13T18:01:06.036+05:302010-10-13T18:01:06.036+05:30शुक्रिया मित्रो!शुक्रिया मित्रो!Barthwalhttps://www.blogger.com/profile/10624244011547494333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-62466034800633375502010-10-13T09:56:45.595+05:302010-10-13T09:56:45.595+05:30बहुत सुन्दर ..प्रति जी...आपने गाँव का दर्द बहुत सु...बहुत सुन्दर ..प्रति जी...आपने गाँव का दर्द बहुत सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया दिल को छु गया...आज गाँव से लोगो का पलायन यही तो है आज गाँव की निस्तब्धता सूनापन .डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-21654524783181763982010-10-13T06:00:05.305+05:302010-10-13T06:00:05.305+05:30जिसका वर्तमान
केवल अतीत बन कर रह गया है
या फिर वक्...जिसका वर्तमान<br />केवल अतीत बन कर रह गया है<br />या फिर वक्त के साथ<br />लुप्त हो रहा है शहर की चका चौंध में<br /><br />-बहुत उम्दा!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-86411299285319659712010-10-13T05:24:50.683+05:302010-10-13T05:24:50.683+05:30जिसमे बेटी कि बिदाई पर
पूरा गाँव रोता था
जिसमे हर ...जिसमे बेटी कि बिदाई पर<br />पूरा गाँव रोता था<br />जिसमे हर घर का चूल्हा<br />एक दूजे के प्रेम से जलता था<br />शायद यह हर गाँव का स्वत: स्फूर्त चरित्र था .. जो अब खो गया है.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-167163466501797809.post-49999260654972240702010-10-13T00:56:50.531+05:302010-10-13T00:56:50.531+05:30very well said ,, haaan mein wahi wohi gaon hun......very well said ,, haaan mein wahi wohi gaon hun.......हाँ मैं अब भी वही गाँव हूँ<br />जिसका हर शख्स <br />अब बूढा हो चला है या विदा<br />जिसकी नई पीढी<br />अब केवल मौन है इसके लिये<br />जिसका वर्तमान <br />केवल अतीत बन कर रह गया है<br />या फिर वक्त के साथ<br />लुप्त हो रहा है शहर की चका चौंध मेंAnonymousnoreply@blogger.com