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शुक्रवार, 6 मई 2011

~ मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है ~




[फेसबुक के पन्ने ' शेर-ओ-शायरी' के सदस्यो ने एक रचना साथ मिलकर लिखी,साथ देने वाले मित्रो के नाम नीचे लिखे है ]

तेरे वादे अब झूठे लगने लगे है 
वक्त बेवक्त हम उलझने लगे है 
प्यार के रंग क्यो उतरने लगे है 
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [१]

ख्वाब निगाहों में नए सजाने लगें हो 
दिल मे किसी और को बुलाने लगे  हो
क्यो अहसास हम से छिपाने लगे  हो,
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [२]

तेरी खुशबू से हम महकने लगे थे  
दीवानों की तरह तुझे ढूँढने लगे थे  
अब क्यों तुम हम से छिपने लगे हो 
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [३]

तेरी आंखों मे अक्श बदलने लगा है 
प्यार  के माने अब कम होने लगे है 
क्यों हम अब इतने बुरे लगने लगे है 
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [४]

तेरी बाते हमे अब सताने लगी है 
करके वादे क्यों भूल जाने लगे हो 
देख कर हमे क्यों मुँह मोड़ने लगे हो 
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [५]

तेरे लिए दिल मे मुकाम बनने लगा था 
तेरे लिए ही अब ये सर झुकने लगा था 
क्यों इस दिल से अब खेलेने लगे हो
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [६]

करीब होकर भी कही खोने लगे हो
हर बात पर झुंझलाने से लगे हो 
तुम पराये से क्यों लगने लगे हो
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [७]

ख्वाब हमारे अब जुदा होने लगे है 
वफा के रंग अब शायद मिटने लगे है 
क्यो फासले अब दरमियाँ बढ़ने लगे है 
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [८]

अपनों के बीच अकेले लगने लगे है 
पूछे कोई तो अब हम हँसने लगे है
दिल पर जख्म क्यो करने लगे हो 
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [९]

तुम वही हो जिसे हम चाहने लगे थे..
अब तेरे इंतज़ार में लब सूखने लगे है 
बीते लम्हे क्यों  सवाल करने लगे है 
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है १०]

आज क्यो  इतना इतराने लगे हो
गैर का साया साथ दिखने लगा है  
देख दुनिया,क्यों तुम बदलने लगे हो 
मेरे अहसास तुझसे ये पूछने लगे है [१]
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सहयोग देने वाले सदस्य :

१. प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
२. राकेश देशवाल 
३. सन्नी कश्यप 
४. मिर्ज़ा आज़ाद 
५. रेनू मेहरा 
६. निधी गुप्ता 
७. सपना [Dream Lady]
८. रश्मी शर्मा 
९. ज़ेहरा आली 
१०. सचिन पाराशर 

-  प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
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