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रविवार, 2 जनवरी 2022

मेरा चिंतन - २०२२

 

मेरा चिंतन - २०२२
(२०२२ की शुरुआत)

लिखे थे जो शब्द कभी, अब वो मुझ से दूर हो गए
उकेरा था जिन्हें कागज पर, वो अब आपके हो गए

ईमानदार प्रयास संग, इस वर्ष भी कुछ लिख पाऊं
शब्द भावों को , शायद आपके करीब पहुंचा पाऊं

शब्द ज्ञान सीमित, फिर आपसे कुछ सीख पाऊं
स्नेह-आशीर्वाद आपका, शायद अर्जित कर पाऊं

लिखूंगा सत्य, कड़वे शायद कभी मेरे बोल होंगे
'प्रतिबिम्ब' हमारा ही होगा, शब्द केवल मेरे होंगे

-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, २ जनवरी २०२२


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