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शनिवार, 10 फ़रवरी 2018

~प्ले योर शॉट~



ये क्या जगह है, माय डियर होस्ट
नित नई मिलती व होती जहां पोस्ट
पसंद व टिप्पणी मिलती यहां मोस्ट
फिर भी देखो बना व्यक्तित्व घोस्ट

जहां गलती दाल, यू जस्ट बी दियर
छोड़ो पुराने दोस्त, अब न्यू इज़ बेटर
पकते पकाते रहो, यू जस्ट डोंट केयर
अपना काम निकले, इट्स आल फेयर

कुछ लगते अपने कुछ दिखते फ्रॉड
सच्चे कुछ गुरु समान, विश देम गॉड
कुछ पानी से सरल, कुछ मन से हार्ड
कुछ निभा रहे दुश्मनी, सेव देम लार्ड

यहां तो सभी अपने अपने में है लॉस्ट
बेच रहे हैं सब अपनी सोच के प्लॉट
'प्रतिबिम्ब' यू जस्ट चिल फिकर नॉट
आभासी है दुनिया, जस्ट प्ले योर शॉट


प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल १०/२/१८

शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

~ऋण चुकाती आस~




वक्त के प्रांगण में
हालात पर दुष्टित नज़र
किस्मत का पहन लिबास 
अपना कहते लेकर खंजर

लेकर चलता कितने मुखौटे
कमजोरी से खेलता इंसान
चक्रव्यूह का सम्पूर्ण ज्ञान
हारती फिर भी मर्यादा

अजब तमाशा दुनिया का
मुस्कराहट आगे नस्तर पीछे
प्रेम दिखावा हत्यारी नियत
क़त्ल का तैयार सामान

क्रोधित होता ऊँचा स्वर
वेदना से होकर लचर
आत्मघात करते नुकीले शब्द
अंतर्मन पर घृणा का घेराव

एक लालसा रोज संवरती
प्रताड़ित होकर रोज जीती
एहसानों का उठाकर बोझ
ऋण चुकाती मरकर आस

प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, ९ फरवरी २०१८
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