पृष्ठ

गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016

एक दुआ यूं भी





मुस्कराहट की पहचान तुमसे ही है
ये रंग तुम पर यूं ही सजता रहे
मुस्कान से सुशोभित तुम्हारा चेहरा
वर्षो वर्षो तक यूं ही कायम रहे

हो प्रकाशमय तुम्हारा सारा जीवन
मेरी दुआ बन सहलाता रहे
प्रेम का दीप सदैव यूं रहे प्रज्वलित
खुशियों से झोली भरती रहे

अच्छाई और सच्चाई की मूरत बन
अच्छे लोगो से वास्ता बना रहे
मेरी उम्र भी तुमको हो जाए नसीब
ख़्वाब ये मेरा फलता फूलता रहे

मैं इस पल के बाद याद रहूँ या न रहूँ
दुआ मेरी तुमसे रोज मिलती रहे
‘प्रतिबिम्ब’ इसके सिवाय दे भी तो क्या
स्नेह - आदर का नाता बना रहे 

-    प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल २५/२/२०१६  

बुधवार, 24 फ़रवरी 2016

एक प्रेम निवेदन ....




पल पल तेरी तस्वीर, आँखों में उभरती है
साँसों में महक बनकर, तू ही उभरती है
मेरे एहसासों में तू, रोज बनती संवरती है
बनकर जान मेरी, तू ही दिल में धडकती है

चाह दो पल की, एक पल जिया जाता नहीं
आदत साथ चलने की, अकेले चला जाता नहीं
यार जान ले, गया वक्त हाथ कभी आता नहीं
टूट कर चाहने वाला, मिलता अब कहीं नहीं

मैं एक प्रेम पुजारी सा, द्वारे तेरे रोज खड़ा
हक़ से ही मांग रहा, बस वक्त तुझसे थोडा
चाह छोटी है मेरी, तू कर दिल अपना बड़ा   
दे भिक्षा में ही, दिल पर कर उपकार थोडा 

मोहब्बत के किस्से, लोगो के बहुत सुने है
वो जीते थे कैसे प्रेम, लोगो से किस्से सुने है  
सबसे अलग हो प्रेम हमारा, ख्वाब मैंने बुने है
बीते कुछ पल तुझ संग, वो लम्हे ख़ास चुने है   


-    प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल २४/२/२०१६ 
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...