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शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

प्रेरित करना होगा



मन - मस्तिष्क के
चीथड़े उड़ते देखा है क्या ?
नही ...... ?  
महसूस तो किया होगा .....

जब दिल टूटा होगा
जब हार झेली होगी
जब अपने गैर हुये होंगे
जब दोस्त दुश्मन बने होंगे

समाज को जब नपुंसक पाया होगा
नेताओं को जब खिलवाड़ करते देखा होगा
गरीब का पेट जब सिमटते देखा होगा
देशभक्ति को मज़ाक बनते देखा होगा

प्रकृति का क्रूर मज़ाक देखा होगा
अपनों को अपनों पर हँसते देखा होगा
झूठ को सच पर जीतते देखा होगा
नारी का अपमान होते देखा होगा

जब खुली आँख से भी ठोकर खाई होगी
जब दिन मे भी अंधेरा  होते देखा होगा
इंसानियत को जब बिकते देखा होगा
धर्म  को जब राजनीति की आड़ लेता होगा  

संस्कारो का जब हवन होते देखा होगा
देश प्रेम को जब आतंक कहते देखा होगा
आतंक को जब संरक्षण पाते देखा होगा
संस्कृति को जब अपनी लुटते देखा होगा

अगर नहीं तो सोच को बदलना होगा
मन - मस्तिष्क को फिर जागृत करना होगा
सोच को फिर कर्म अपना बनाना होगा
अंदर के इंसान को फिर से प्रेरित करना होगा
-       प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
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