मेरे जाने के बाद
चलो मैं चलता हूँ
अच्छा - बुरा जैसा भी था
साथ तो था ही
तुम्हारा और मेरा
वैसे
भूलना चाहोगे भी न
तो भूल नहीं पाओगे
खुशियाँ कम और गम ज्यादा
यही तो दे पाया हूँ मैं तुम्हें
तुम भी तो
मुझसे पीछा छुड़ाने का
भरसक प्रयास कर रहे हो
कम से कम
मेरे जाने से मेरा अस्तित्व
तुम्हारी स्मृति पटल से हट
कुछ हद तक तुम्हें सुकून देगा
नियति के बंधन से बंधकर
क्रूर वक्त के साए में
क्रूरता की चरम सीमा बन
घाव कुछ गहरे छोड़े जा रहा हूँ
भूल सको तो भूल जाना
जानता हूँ, मेरा डर अब भी
तुम्हारे मन मस्तिष्क
पर प्रहार करता है
इसलिए कह रहा हूँ
भूल सको तो भूल जाना
नहीं चाहता कि
मेरे जाने के बाद भी
मेरा डर तुम्हें सताए
निर्दयी मत समझना
प्रयास तो किया मैंने
अपने रहते हुए तुम्हें
कुछ अच्छी याद देकर जाऊं
अपने प्रेम और भक्ति
से तुम्हें अवगत करा जाऊं
खुशियों गुनगुनाने के कुछ पल
तुम्हारी झोली में भर जाऊं
यकीन है मुझे
ऐसा कुछ न कुछ तुम्हें
मुझसे मिला ही होगा
हो सके तो तुम
इन्हीं पलों को याद रखना
मेरे जाने के बाद
सुना है
शुभकामनाओं में बड़ी ताकत होती है
इसलिए अपने जाने से पहले
तुम्हारी हर ख़ुशी की कामना कर रहा हूँ
जीवन पथ पर बढ़ते जाना
कर्म से अपने पहचान बनाना
लेकर संकल्प राष्ट्र भक्ति का
भारत का तुम वैभव बढ़ाना
अपने हर निर्णय पर विश्वास हो
सफलताओं की राह आसान हो
मंगलमय हो जीवन यात्रा तुम्हारी
घर परिवार को मिले खुशियाँ सारी
यही शुभकामनायें
देकर जा रहा हूँ तुम्हें
चलो अब मैं चलता हूँ “प्रतिबिम्ब”
२०२१ हूँ, अब तुमसे विदा लेता हूँ
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, ३१ दिसम्बर २०२१