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शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

आंतक ने फिर वार किया



आंतकवाद ही नाम इस दशहत का है
जो आए दिन भारत मे खून बहाता है
मासूम लोगो के चिथड़े उड़ा ले जाता है
बस एक लहर क्रोध की ही छोड़ जाता है

मुंबई मे बम विस्फोट कायरो ने किया
हिंदुस्तान को फिर आज घायल किया
सहनशीलता पर आघात फिर से किया
भारत के सीने मे आंतक ने वार किया

इस घटना का देख दुखी होते हम लोग
इसे कुछ दिन जिंदा रख पाते हम लोग
अपने न हो तो फिर भूल जाते हम लोग
दर्द का रिश्ता नही जोड़ पाते  हम लोग

बेकसूर है मारे जाते इन हादसो मे
बिछड़ जाते है अपने इन हादसो मे
खून जनता का बहता इन हादसो मे
राजनीति ये नेता करते इन हादसो मे

बाते बना, दे जाते दवा सहानुभूति की
भुगत रही जनता, नाकामी नेताओ की
इन लाशों पर सब चलना सीख गए है
हमे तो चलना है, चिंता है सबको कल की

जन जन हिंदुस्तान को अब तैयार है होना
स्वार्थ छोड़, समाज के लिए अब है कुछ करना
अपनों की सुरक्षा को मकसद है अब बनाना
आंतक या झूठे नेता, सबको है सबक सिखाना

वंदे मातरम !!!

प्रतिबिंब बड्थ्वाल
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