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मंगलवार, 6 मार्च 2012

पिया संग होली .....



पिया के रंग मे रंगने लगी
होली का रंग मोहे यूं भाये रे
पिया ज्यों रंग लगाते जाये
तन मोरा गुलाल हुआ जाये रे

रंग बहुतेरे पिया ने दिखाये
मोहे तो लाल गुलाल भाये रे
शर्म से गाल लाल हुये जाये
तन मोरा गुलाल हुआ जाये रे

मारी जो पिचकारी पिया ने
तन मन मोरा भिगो गयो रे
अंग अंग मोरा बहका जाये
तन मोरा गुलाल हुआ जाये रे

पिया जो ओझल हुये नज़रो से
दिल मोरा ढूंढ उन्हे घबराए रे
देख उन्हे लज्जा मोहे आये
तन मोरा गुलाल हुआ जाये रे

दूर होने न दूँ पिया को अपने
सोच उन्हे नैनो से रोक लिया रे
फिर हुई जो नैनो से बतिया
तन मोरा गुलाल हुआ जाये रे

पिया ने बाहों मे जो भर लिया  
सिमट कर सुध - बुध खो गई रे
प्रेम रंग मे मन खिलता जाये
तन मोरा गुलाल हुआ जाये रे

होली के हर रंग मे रंग गई मैं
पिया संग प्रीत रंग मे रंग गई रे
सांस मे सांस मिलती जाये
तन मोरा गुलाल हुआ जाये रे

- प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल
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