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मंगलवार, 16 जून 2009

देखता क्या मन


देखता क्या मन
सोचता क्या मन
कुछ खेलता मन
कुछ झेलता मन

हँसता हुआ मन
रोता हुआ मन
कुछ बोलता मन
प्यार करता मन

सवाल मन में
जबाब मन में
तनाव मन में
लगाव मन में

असहाय सा मन
अकेला सा मन
बुदबुदाता मन
गुनगुनाता मन

मन मेरा ना माने
क्या कहे ना जाने
कोई सीमा नहीं मन की
कहानी ये मेरे मन की


-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल

( यह रचना भी मेरे दुसरे ब्लॉग से ली गई है सोचा आप तक पहुँचा दूँ )

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