प्रेम तुम्हारा है अति पावन
दिखाये हर पल मुझको सावन
स्पर्श तुम्हारा है रुई जैसा
कोमल है जो मन की भाषा
प्रेम करती तुम्हारी हर अदा
मधहोश करती तुम्हारी हर सदा
सागर सी गहराई है इसमें
झील सी है शांति इसमें
प्यार का हर रंग छलकता इसमें
प्रेम के हर साज बजते है इसमें
हर मौसम की झलक है इसमें
जिंदगी की हर राह समाई इसमें
प्यार ने दी हर नई सांस मुझको
तुम्हारे प्रेम की तरंग छूती मुझको
प्रेम तुम्हारा है अति पावन
दिखाये हर पल मुझको सावन
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रेम कविता
जवाब देंहटाएंप्रतिबिम्ब जी !!!बहुत ही सुन्दर अंतर को स्पर्स करती प्रेम भाव युक्त रचना
जवाब देंहटाएंसादर !!
वह प्यार ..क्या जिसमे सुंगंध नहीं ..जय हो
जवाब देंहटाएंgood wordings
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