मन बहुत उतावला होता है। इसमे न जाने कितने सवाल उठते है या जबाब मिलते है। चाहे उनमे मै स्वयं ही घिरा हूं या फ़िर समाज या देश के प्रति मेरी उदासीनता या फ़िर जिम्मेदारी। आप भी मेरी इस कशमकश के साथी बनिये, साथ चलकर या अपनी प्रतिक्रिया,विचार और राय के साथ्। तेरे मन मे आज क्या है लिख दे "चिन्तन मेरे मन का" के पटल पर यार, हर पल तेरी कशिश का फ़साना हो या फ़िर तेरी यादो का सफ़र मेरे यार।
विजयादशमी पर सभी को हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं आप व आपके परिवारजनों को प्रति जी...
जवाब देंहटाएंराम भी हम रावण भी हम फिर संशय कैसा
छोड़ झूठ और बुराई, करे व्यव्हार इंसानों जैसा...
बिलकुल सही कहा है .
विजयदशमी शुभ हो
जवाब देंहटाएंशुक्रिया समीर जी एवम रेनु जी शुभकामनाओ के लिये। आप सभी को परिवार को भी हमारी शुभकामनाये!
जवाब देंहटाएंहरि जी शुक्रिया आप को परिवार को भी हमारी शुभकामनाये!
जवाब देंहटाएंसभी कों विजयदशमी की बहुत बहुत शुभकामनाये.....
जवाब देंहटाएंअधर्म पर धर्म की जीत;
जवाब देंहटाएंअन्याय पर न्याय की विजय;
बुराई पर अच्छाई की जय जयकार;
यही है दशहरे का त्योंहार।
दशहरे की शुभकामनाएं!