मै कोई ख्वाब तो नही
तू एक ख्वाब ही सही
मानता हूँ
तू मेरा प्यार है
जानता हूँ
मै तेरा प्यार नही
मानता हूँ
मै तेरा नसीब नही
जानता हूँ
तू मेरे नसीब मे नही
पलो को समेटने का मन
तेरे करीब लाता है
तुझे पास ना पाकर
वापिस लौट आता है
याद कुछ और भी आता है
फिर अकेला मै हो जाता हूँ
तू सितारा है उस आसमान का
जिसमे साथ है और सितारो का
मै तो धरती पर खडा
देखता हूँ नम आंखो से
जानता हूँ तुझ तक
पहुंचना मुमकिन नही
फिर भी आस है मन की,
दूर जाती नही
मौसम बदलते है जब
आसमां भी रंग बदले
छुप जाते है सितारे
मन मेरा बस तुझे पुकारे
आप को चाँद से है प्यार
हम को आपसे है प्यार
चांद से बाते होंगी
शरारते भी होंगी
शायद एक दिन
मिलन भी होगा
हम कुछ न कहेंगे
सिर्फ तुझे देखते रहेंगे
हम फिर भी रहेगे
तेरे ही इंतजार में
शायद फिर देख पाऊँ
अपने प्यार को
एक नज़र भर
एक नज़र भर
- प्रतिबिंब बड़थ्वाल
हम फिर भी रहेगे
जवाब देंहटाएंतेरे ही इंतजार में
शायद फिर देख पाऊँ
अपने प्यार को
एक नज़र भर
एक नज़र भर
bahut khoob...
कल 28/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
खूबसूरत ख़याल ..सुन्दर नज़्म
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत खूब ।
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