आंतकवाद ही नाम इस दशहत का है
जो आए दिन भारत मे खून बहाता है
मासूम लोगो के चिथड़े उड़ा ले जाता है
बस एक लहर क्रोध की ही छोड़ जाता है
मुंबई मे बम विस्फोट कायरो ने किया
हिंदुस्तान को फिर आज घायल किया
सहनशीलता पर आघात फिर से किया
भारत के सीने मे आंतक ने वार किया
इस घटना का देख दुखी होते हम लोग
इसे कुछ दिन जिंदा रख पाते हम लोग
अपने न हो तो फिर भूल जाते हम लोग
दर्द का रिश्ता नही जोड़ पाते हम लोग
बेकसूर है मारे जाते इन हादसो मे
बिछड़ जाते है अपने इन हादसो मे
खून जनता का बहता इन हादसो मे
राजनीति ये नेता करते इन हादसो मे
बाते बना, दे जाते दवा सहानुभूति की
भुगत रही जनता, नाकामी नेताओ की
इन लाशों पर सब चलना सीख गए है
हमे तो चलना है, चिंता है सबको कल की
जन जन हिंदुस्तान को अब तैयार है होना
स्वार्थ छोड़, समाज के लिए अब है कुछ करना
अपनों की सुरक्षा को मकसद है अब बनाना
आंतक या झूठे नेता, सबको है सबक सिखाना
वंदे मातरम !!!
प्रतिबिंब बड्थ्वाल
vande maatram
जवाब देंहटाएंजन जन हिंदुस्तान को अब तैयार है होना
जवाब देंहटाएंस्वार्थ छोड़, समाज के लिए अब है कुछ करना
अपनों की सुरक्षा को मकसद है अब बनाना
आंतक या झूठे नेता, सबको है सबक सिखाना...सुन्दर..देश प्रेम से ओत प्रोत उत्साहित करती सुन्दर रचना..आभार..
सार्थक एवं ओजश्वी रचना ..कभी कभी लगता है की हम अंध कूप में हैं हमारी आँखे ओर हाथ बंधे हैं ओर इर्दगिर्द आतंक के नाग फन फैलाए डसने को तैयार हैं ..पर धृढ संकल्प हो हमारा ...शांति सद्भाव ओर मानवता की अवश्य विजय होगी ....शुभकामनायें !!!
जवाब देंहटाएंएक सशक्त रचना .. जिसमे आपने देश में लोगों का आतंक से जुड़ा दर्द जहा निर्ममता से निरीह लोगों की हत्या कर देते हैं...और हम सिर्फ खिसियाई बिल्ली की तरह की तरह खम्बा नोचते रह जाते हैं... और फिर दुबारा वो कुछ समय बाद सक्रिय हो जाते हैं.. आपकी कविता ने इस के लिए देश के हर नागरिक को सतर्क रहने की चेतावनी दी है और मेरी नजर में यही एक सफल तरीका होगा...जिसमे हर नागरिक का कर्तव्य है कि वो अपने इर्द गिर्द अडोस पड़ोस होने वाली हलचल पर नजर रखते हुवे समय पर सुचना दें..
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