आज
एक नई सुबह का आगाज हुआ
वातावरण तब अन्नामय हुआ
एक साकार संदेश फिर
आसमां पर यूँ उभर आया है
मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना
अब तो सारा देश है अन्ना
आसमान पर
आज तिरंगा फिर लहराया
जन जन ने तिरंगा ले हाथो में
भारत मे आज़ादी का जश्न पुन: मनाया
अब जनता ने एक मंत्र है पाया
मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना
अब तो सारा देश है अन्ना
शायद ये
शुरुआत हुई है नई क्रांति की
ये लड़ाई पहचान बनी है शांति की
भ्रष्टाचार के दानव को मिटाना है
बस याद रखना होगा इतना अब
मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना
अब तो सारा देश है अन्ना
ये तारीख
गवाह बनी है असली लोकतन्त्र की
जनता ने बदली है आज सूरत इसकी
वर्षों मे देखेंगे शायद नतीजा इसका
अंबर और धरती पर गूंज उठा है
मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना
अब तो सारा देश है अन्ना
अब
जीत को विजय मे बदलना होगा
वक्त के साथ हमे बदलना होगा
अन्ना का संदेश रोज गुंगुनाना होगा
अन्ना बन खुद को जीना होगा
मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना
अब तो सारा देश है अन्ना
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
bahut khoob sir...
जवाब देंहटाएं"नई सुबह"
जवाब देंहटाएंमैं भी अन्ना, तू भी अन्ना
अब तो सारा देश है अन्ना
--- Excellent Composition. Jai Ho.