अर्ध सत्य है जीवन,
पूर्ण सत्य है मरण।
सत्य की खोज में,
जीवन गुजर जाता है।
हर पल का संघर्ष,
और मिलती है तो मौत।
आत्मा अजर अमर है,
लेकिन मृत्यु का है खौफ।
योग, ज्ञान और ध्यान से,
शांति की मिले अनुभूति।
दया, धर्म और कर्म से,
होता सत्य का मार्ग प्रसस्त।
सत्य के आचरण से
शुद्ध होती है अपनी आत्मा।
प्राण तो अमृत स्वरूप है और
आत्मा सत्य से आच्छादित है।
झूठ का कोई आकार नही
सत्य तो साक्षात है साकार है।
मन के चिंतन से ही,
मिलता है आत्मा को प्रकाश।
देह से आत्मा निकले जब,
मिले परमात्मा से आत्मा तब।
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
बहुत ही सुन्दर भावों के साथ एक प्यारी रचना .. परमात्मा से पूर्ण मिलन मृत्यु के बाद संभव है पर सशरीर आत्मा का परमात्मा से मिलन कुछ क्षणों के लिए महान योगी योग साधना द्वारा कर सकने में सक्षम होते हैं .. आपकी रचना बहुत सुन्दर भावो को ले कर चलती है जो समाज को कल्याण का रास्ता दिखाती है..सादर
जवाब देंहटाएंसत्य---The Truth Excellent Composition
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