अपने पेट की खातिर, तुम हम पर आश्रित हो
हमारा पेट काटकर तुम लाखो करोडो कमाते हो
हमारी आवाज़ को हर बार अनुसना कर जाते हो
सोचो हमारे खून पसीने का क्या मोल लगाते हो
सरकार हो या जनता उपेक्षा हमारी करती है
चर्चा हमारी कर लेकिन नाम अपना करती है
हर संस्था अपने लिए हमारा प्रयोग करती है
पैसो के बल पर हमारा ही वो शोषण करती है
भले मजदूर दिवस पर एक शब्द न कहना
भले मजदूर दिवस पर एक चित्र न लगाना
भले मजदूर दिवस पर एक दुआ न करना
बस मजदूरी मेरा हक़ तुम समय पर दे देना
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
bilkul..har kisi ko apne haq ki ladai ladni chahiye...!
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