[नवमी और विजय दशमी की सभी मित्रो को बधाई एवं शुभकामनायें ]
खुशी और सफलता की सदा लगी रहे बौछार
चलो मनाये मिलकर विजय दशमी का त्यौहार
असत्य पर सत्य का, करते रहे हम सदा प्रहार
अहंकार का छोड़ कर पथ, बुराई का करे संहार
आओ रीति नही कुरीतियों को अपनी बदल डाले
आओ संस्कृति और संस्कार की फिर से नीव डाले
अधर्म का छोड़ कर साथ, धर्म हम अपना समझ ले
कर्म को मान कर पैमाना, भाग्य हम अपना बदल ले
अन्दर जितने है रावण, आओ उनका हम त्याग करे
समाज के हर वर्ग को दे सम्मान, प्रेम का संचार करे
बन कर खुद ही अच्छाई का प्रतीक, राम का मान करे
प्रकृति से निभा दोस्ती, पर्यावरण सरंक्षण का प्रण करे
-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
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