यूं
तो .....
किया
जब इकरार
वो
तेरे प्यार का असर था
पा
लिया तुझे
ये
मेरे प्यार का असर है
यूं
तो सारे जहाँ में
मिली
है एक तू ही
हूँ
तेरी जागीर
अब
समेट ले तू ही
मेरी
आँखों में
यूं
हो तुम बसती
मेरी
नज़र को भी
जिसकी
खबर नही होती
यूं
तो
दिल
मेरा सभी से मिलता है
तुझसे
मिलने पर
सारा
जहाँ न जाने क्यों जलता है
चेहरा
तेरा है
लेकिन
ये निगाहें मेरी है
दिल
तेरा है
लेकिन
इसमें बसी जान मेरी है
मेरी
धडकनों में
बैखौफ
रिहाइश है तुम्हारी
“प्रतिबिम्ब”
समझ रहा
हर
इशारे की कहानी तुम्हारी
प्रति जी प्रणाम ,
जवाब देंहटाएंआपका तो कोई जवाब ही नहीं
क्या सुन्दर अभिव्यक्ति
वाह मजा आ गया पढकर
रघु