ख्वाब और हकीकत की ये कहानी
याद और अपने दिल कि जुबानी
प्यार और अपने जज़बात की नादानी
अहसास और शरारत की दीवानगी
कल और आज की रुसवाई
भाव और घावों की गहराई
वफा और बेवफाई की सच्चाई
कसमों - वादो की दुहाई
बिछोह और दूरी का गम
आंखो और होन्ठो की बैचैनी
तन और मन की कशिश
प्रेम और त्याग की परिभाषा
ये हम कैसे उन्हें बतायें ?
-प्रतिबिम्ब बडथ्वाल
इस रचना मे जो प्रश्न है उसका उत्तर भी आप ही को खोजना है ।
जवाब देंहटाएंइन्हें बताने नहीं, अहसासने की जरुरत है.
जवाब देंहटाएंबढ़िया.
प्रेम और त्याग की परिभाषा
जवाब देंहटाएंये हम कैसे उन्हें बतायें ?
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बिन बोले कह दो अपने मन की सारी बातें