सावन क्या होता है पुरवाई बताती है
सुबह क्या होती है किरणे बताती है
प्यार क्या होता है बेवफाई बताती है
आज़ादी क्या होती है गुलामी बताती है
खुशी क्या होती है गम बतलाता है
रात क्या होती है अंधियारा बतलाता है
जीत क्या होती है हारने वाला बतलाता है
कौन सो रहा है जागने वाला बतलाता है
मुस्कराहट क्या होती है मुस्करा कर देखिये
प्यार क्या होता है प्यार निभा कर देखिये
अपना क्या होता है अपना कर देखिये
भूख क्या होती है भूखा रह कर देखिये
घौंसला क्या होता है चिडिया से पूछिये
देश क्या होता है शहीदो से पूछिये
पानी क्या होता है प्यासे से पूछिये
आंखे क्या होती है अंधे से पूछिये
आज कुछ पूछे नही करके देखिये
आज ज्यादा सोचे नही कर्म करके देखे
आज झूठ नही सच बोल कर देखे
आज किसी से कहे नही खुद करके देखे
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, आबू धाबी, यूएई
सुंदर भाव, सुंदर रचना...सच हैं कहकर नहीं करके देखना चाहिए...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ....
जवाब देंहटाएंपूरे ब्लॉग पर ताला लगा हुआ है ..यदि चर्चा मंच तक ले जाने का प्रयास भी किया जाये तो नहीं ले जाया जा सकता ....
संगीता जी अब ताला खोल दिया है यदि आप कोई भी रचना को चर्चा मंच पर ले जाना चाहे तो ले जा सकते है।
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा..,लाजवाब
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