एक सच तेरा
एक सच मेरा
एक सच हमारा
सुने सत्य हमारा
गिर चुका ईमान
बिक रहा इंसान
बन गया हैवान
यह हमारी पहचान
देश प्रेम शब्दों में है
अपने से केवल प्यार है
दूसरे के लिए विचार है
जुड़ गया मुझमें अहंकार है
धर्म की आंखे लेकर
राजनीति की आड़ में
भाषा की मर्यादा भूले
हकीकत से हम जुदा हुये
सत्याग्रह भारत का चेहरा था
आज इस पर भी लगा पहरा है
अहिंसा का पाठ विश्व को पढ़ाया
हिंसा को अब अपनी ढ़ाल बनाया
नेता बना आज अभिनेता है
जनता को मूर्ख बनाता है
जिसके हाथो गद्दी पाता है
उसी को कुचलता जाता है
जनता अभी मौन है
उसकी सुनता कौन है
अब समय की ललकार है
आम आदमी अब तैयार है
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
bahut sahi baat kahi aapne Prati ji.... aaj jantaa kee kaun sunta hai....shakti kaa durupyoga ho raha hai...bhrsht taaktvar ho raha hai... aapki rachna saamyik..bahut achhi
जवाब देंहटाएंचल मर्दाने सीना ताने
जवाब देंहटाएंहाथ हिलाते पाँव बढ़ाते
मन मुस्काते गाते गीत
एक हमारा देश हमारा वेश
हमारी मंज़िल
हम किस से भयभीत?
चल मर्दाने सीना ताने
हाथ हिलाते पाँव बढ़ाते
मन मुस्काते गाते गीत
~ हरिवंशराय बच्चन
Excellent Composition.
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