पेट्रोल के दाम बढ़ने से जनता आहत है
तिल तिल कर मारना सरकार की चाहत है
शायद है यकीन उन्हे इस बार दुबारा सत्ता न पाएगी
इसलिए जनता को रुलाने सरकार यही चाल अपनाएगी
समय है कम अब अगले चुनावों मे, तो कैसे जाए
पैसा ज़ेबो मे
सोच रही सरकार किंसकों हम फायदा दे, जो फायदा
दे अगले
चुनावो
मे
जनता को तो हर बार बकरा बनना है जब
खेल रहा सारा तंत्र इनके हाथो मे
बतला दिया तेल माफिया से प्यार
दिखला कर, खोट कितना है इनके नेक इरादों मे
महंगाई से हमे डर लगता नही साहब, डर लगता है इनकी बढ़ती इच्छाओ से
वोट पाकर जिनका सत्ता की कुर्सी पाते है, खेल रही सरकार फिर उन्ही
के जज़बातो से
कोई पूछे तो ये इक्नॉमिक्स
समझाने लगते है, महंगाई और
जनता तो
जाए
उनके ठेंगे से
भीख मांगने आने वाले है अगले चुनावो मे, औकात दिखा दो तुम इनको
अपनी वोट की ताकत से
(प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल)
सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आशुतोष जी
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