मन बहुत उतावला होता है। इसमे न जाने कितने सवाल उठते है या जबाब मिलते है। चाहे उनमे मै स्वयं ही घिरा हूं या फ़िर समाज या देश के प्रति मेरी उदासीनता या फ़िर जिम्मेदारी। आप भी मेरी इस कशमकश के साथी बनिये, साथ चलकर या अपनी प्रतिक्रिया,विचार और राय के साथ्। तेरे मन मे आज क्या है लिख दे "चिन्तन मेरे मन का" के पटल पर यार, हर पल तेरी कशिश का फ़साना हो या फ़िर तेरी यादो का सफ़र मेरे यार।
सोमवार, 8 जुलाई 2013
मेरा पहाड़
मेरा पहाड़
है भूमि देवो की
मेरा पहाड़
है विरासत संस्कृति की,
मेरा पहाड़
है कहानी संस्कार की
मेरा पहाड़
है मिसाल मानवता की
मेरा पहाड़ और उसका दिल
आज रोता है
मेरा पहाड़ और उसका हौसला
टूटा है
मेरा पहाड़ और उसका सम्मान
गिरा है
मेरा पहाड़ और उसका भगवान
रुष्ट है
मेरे पहाड़ को
अपनों ने तोडा और मरोड़ा है
देख लिया नतीजा
अब शमशान बना कर छोड़ा है
राजनीति का खेल
इंसानियत ने यहाँ दम तोडा है
डूब गए ख्वाब
लेकिन अभी जीना नही छोड़ा है
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
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मेरे पहाड़ को
जवाब देंहटाएंअपनों ने तोडा और मरोड़ा है
देख लिया नतीजा
अब शमशान बना कर छोड़ा है
राजनीति का खेल
इंसानियत ने यहाँ दम तोडा है
डूब गए ख्वाब
लेकिन अभी जीना नही छोड़ा है ..........
अन्तर की पीड़ा को दर्शाती बहुत भावुक अभिव्यक्ति.....ये पहाड़ ये नदियाँ...हमारे देश की सुन्दर सम्पत्ति हैं ..इनका रुख मोड़ना,इनसे खिलवाड़ करना,इन्हें इनकी गति के विरुद्ध बाँधना ...कभी न कभी तो भारी पड़ ही सकता है.....सो वही हुआ जिसका डर था....दोषी कौन था कौन नहीं...धारा ने कुछ न देखा....सब एक ही बहाव में बह गए...प्रभु से प्रार्थना है..अब बस करें और इंसान को सद्बुद्धि दें..सन्मार्ग दिखाएँ...