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बुधवार, 24 अगस्त 2022

निभाया करो

 




निभाया करो

ख्वाब जो देखे थे, उनसे बात किया करो
पल–पल जीवन , सोच तुम जिया करो

रहकर आस-पास, ओझल न रहा करो
प्रेम का हर रूप, तुम महसूस किया करो

गलतफहमियाँ, दरमियाँ में न पाला करो
अच्छा लगता है, मन से बात किया करो

अपनों को कभी, अनदेखा न किया करो
शब्द दो ही सही, पर बोल तुम लिया करो

महकेगा ये जीवन, अहसास किया करो
चाहत की आस, बेझिझक तुम कहा करो

दर्पण के सामने, सोलह शृंगार किया करो
देख रहा हूँ मैं तुम्हें, यूं भान तुम किया करो

प्रेम का मेरा हर गीत, होंठों में रखा करो
याद जब भी आये, गुनगुना तुम लिया करो

दिल से दिल की बात, समझा-कहा करो
“प्रतिबिम्ब” से रिश्ता, तुम यूं निभाया करो

- प्रतिबिम्ब २४ अगस्त, २०२२ 





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