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रविवार, 4 अक्टूबर 2009

जिन्दगी का चित्रण

- जिंदगी का चित्रण -

बिन्दु-बिन्दु से बनता जिंदगी का चित्रण
सजता उसमें हमारी आशाओं का दर्पण
करती उसमें इच्छायें स्वच्छंद विचरण
रंग जाते उसमें भिन्न- भिन्न प्रकरण

अन्तरात्मा का है जिसमें विवरण
भावों का रहता है जिसमें समर्पण
कर देते है उसमें सब कुछ अर्पण
खूबसूरती का रहता जिसमें आकर्षण

समेटे हुये जो सच का आवरण
करता है खुशियों का वितरण
प्रेम की खुशबू फैलती छ्ण-छ्ण
बोल पड़ता है -जिसमें कण-कण

-प्रतिबिम्ब बडथ्वाल
(अपने दूसरे ब्लाग से ली गई पोस्ट)
कण

3 टिप्‍पणियां:

  1. बिन्दु-बिन्दु से बनता जिंदगी का चित्रण
    सजता उसमें हमारी आशाओं का दर्पण
    करती उसमें इच्छायें स्वच्छंद विचरण
    रंग जाते उसमें भिन्न- भिन्न प्रकरण

    प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल जी ,
    बहुत ही सुंदर जिन्दगी का चित्रण किया है आपने. बहुत बहुत बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  2. बिंदु बिंदु से सिन्धु बना है....सही शब्दों के चुनाव से सजा ये वर्णन !!

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी/प्रतिक्रिया एवम प्रोत्साहन का शुक्रिया

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